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नीट-जेईई परीक्षा को रद्द करवाने के लिए कोंग्रेस का आज राज्यभर में जिला मुख्यालय पर होगा विरोध प्रदर्शन।

परीक्षा सेहत के लिए हानिकारक है:नीट-जेईई; सीएम गहलोत समेत 7 मुख्यमंत्री परीक्षा के खिलाफ, सभी जाएंगे सुप्रीम कोर्ट, साेनिया गांधी की गैर-भाजपाई मुख्यमंत्रियों के साथ वर्चुअल बैठक।





काेराेना के बीच जेईई मेन और नीट की परीक्षा अब सरकार बनाम विपक्ष का रूप ले चुका है। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के नेतृत्व में बुधवार काे 7 राज्याें के मुख्यमंत्रियाें ने परीक्षा टालने की मांग की। प. बंगाल की सीएम ममता बनर्जी और पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि सभी राज्य सुप्रीम काेर्ट चलें। इसके बाद फैसला लिया गया कि सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दायर की जाएगी। वहीं, झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन ने कोर्ट जाने से पहले राष्ट्रपति से मिलने की बात कही।




गहलोत बोले- अभी परीक्षा कराना खतरे से खाली नहीं है, केंद्र को सुप्रीम कोर्ट में रिव्यू पिटीशन लगानी चाहिए
सीएम गहलोत ने सोनिया गांधी के साथ वर्चुअल बैठक में कहा- ऐसे समय में नीट और जेईई कराना बच्चों की सेहत को खतरे में डालना है। केंद्र को खुद सुप्रीम कोर्ट में रिव्यू पिटीशन लगानी चाहिए। कोरोना के खिलाफ राज्य सरकारें लड़ाई लड़ रही हैं। केंद्र की तरफ से वीसी के अलावा कुछ नहीं हुआ है। राज्यों के सुझाव पर ध्यान नहीं दिया जा रहा। न कोई ग्रांट दी है, न कोई सब्सिडी। बल्कि लोन के रूप में बजट जारी किया है। केंद्र पर राजस्थान का 6990 करोड़ रु. का जीएसटी बकाया है। पीएम को 25-30 पत्र लिखने पर भी जवाब नहीं आते।

महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे ने कहा- अमेरिका की एक रिपाेर्ट में कहा गया है कि वहां स्कूल खुले तो 97,000 बच्चे संक्रमित हुए। अगर यहां ऐसा होगा तो क्या करेंगे? हमें तय करना हाेगा कि केंद्र से डरना है या लड़ना है। पुद्दुचेरी के सीएम वी. नारायणसामी ने कहा कि अगर परीक्षा होती है तो कोरोना के केस बढ़ेंगे। इसके लिए केंद्र सरकार जिम्मेदार होगी। गैर भाजपा शासित राज्याें के मुख्यमंत्रियाें की बैठक में ओडिशा और दिल्ली के मुख्यमंत्री शामिल नहीं थे।

हालांकि, दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसाैदिया और ओडिशा के सीएम नवीन पटनायक भी परीक्षा रद्द करने की मांग कर चुके हैं। इसी बीच, छात्र संगठन एनएसयूआई ने जेईई और नीट टालने की मांग काे लेकर अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल शुरू की है। हालांकि, परीक्षा करवाने वाली एजेंसी एनटीए बार-बार स्पष्ट कर चुकी है कि जेईई मेन 1 से 6 सितंबर और नीट एंट्रेंस 13 सितंबर काे ही हाेगा।

एनटीए का दावा... 99% छात्रों काे उनके मनपसंद सेंटर दिए

एनटीए का दावा है कि 99% छात्राें काे मनपसंद सेंटर अलाॅट किए हैं, ताकि उन्हें ज्यादा सफर न करना पड़े। लेकिन, चुनिंदा शहराें में ही सेंटर हैं। राजस्थान के 33 जिलाें में से 9 में ही जेईई मेन के सेंटर हैं। वहीं, नीट के सेंटर सिर्फ 6 शहराें में हैं। बिहार में सिर्फ पटना और गया में ही नीट के सेंटर हैं। पटना में 65 हजार स्टूडेंट पहुंचेंगे। हरियाणा में जेईई मेन के लिए 9 जिलाें में सेंटर हैं। जबकि, नीट के लिए सिर्फ 2 शहराें में सेंटर बनाए गए हैं, जाे सबसे संक्रमित गुड़गांव और फरीदाबाद में हैं। असम, बिहार, गुजरात, छत्तीसगढ़, केरल, कर्नाटक, ओडिशा, उत्तर प्रदेश और प. बंगाल में बाढ़ का प्रकाेप भी है।




 जयपुर में जेईई मेन के लिए 5 सेंटर बनाए हैं। करीब 8 से 10 हजार छात्र नामांकित हैं। नीट ऑफलाइन आयोजित होगा। हालांकि, इस परीक्षा के लिए जयपुर में सेंटर्स की संख्या अभी तय नहीं है।

 राजस्थान में नीट के 6 शहराें में 269 सेंटर बनाए गए हैं, जिनपर करीब 1 लाख छात्र-छात्राएं परीक्षा देंगे। जेईई मेन के लिए 9 शहराें में 19 सेंटर बनाए गए हैं, जिनपर करीब 45 हजार स्टूडेंट्स एग्जाम देंगेे।

देशभर में जेईई मेन 232 शहराें के करीब 1094 सेंटर्स पर कराया जाएगा। 8.58 लाख स्टूडेंट्स शामिल होंगे। नीट के लिए 4000 सेंटर बनाए गए हैं जिसके लिए 15.97 लाख छात्राें ने रजिस्ट्रेशन कराया है।



आईआईटीज ने कहा- परीक्षा न कराई तो अगले साल दो फर्स्ट ईयर बैच होंगे, उन्हें पढ़ाने का इंफ्रास्ट्रक्चर नहीं।




आईआईटी दिल्ली; बिना पेपर जीरो सेशन हो जाएगा।
परीक्षाओं को रोकने के गंभीर नतीजे होंगे। न केवल इंजीनियरिंग व मेडिकल कॉलेजों के एकेडमिक कैलेंडर पर बल्कि कई प्रतिभाशाली छात्रों को भी इसका नतीजा भुगतना होगा। अगर परीक्षाएं न हुईं तो लाखों छात्रों के लिए जीरो सेशन हो जाएगा। हमें यह फैसला एनटीए (जेईई मेन व नीट) और आईआईटीज (जेईई एडवांस्ड के लिए) पर छोड़ देना चाहिए। केंद्र व राज्य सरकारों को इन संस्थानों का पूरा सहयोग करना चाहिए।
- वी रामगोपाल राव, डायरेक्टर, आईआईटी दिल्ली

आईआईटी खड़गपुर; यह आंदोलन का मसला नहीं
सोशल डिस्टेंसिंग, एसिम्प्टोमैटिक केसेज के लिए लॉजिस्टिकल व्यवस्थाएं की गई हैं। यह आंदोलन का मसला नहीं है बल्कि न्यू नॉर्मल के प्रति अनुकूल होने व बेहतर भविष्य पाने से जुड़ा है। अगर आप जेईई मेंस व एडवांस्ड का विकल्प खोज रहे हैं तो किसी भी परीक्षा की प्रतिस्पर्धा आपको इसके जैसी संतुष्टि नहीं देगी। आईआईटी सिस्टम की पूरी प्रवेश प्रक्रिया को कमजोर करने के लिए इसका दुरुपयोग भी किया जा सकता है।
- प्रोफेसर वीरेन्द्र तिवारी, डायरेक्टर, आईआईटी खड़गपुर

आईआईटी रोपड़; परीक्षा टाली तो साल खराब होगा 
परीक्षाएं स्थगित करने के लिए मेरा एक सवाल है कि कितने दिन तक...? किसी को अंदाजा है कि 3 या 5 माह बाद क्या स्थिति होगी। इसलिए परीक्षा स्थगित करना सिर्फ जीरो एकेडमिक ईयर दर्शा रहा है। जो सबके लिए बुरा होगा। सितंबर में भी परीक्षा करवाई जाए तो भी नवंबर मध्य तक कक्षाएं शुरू नहीं होंगी। यानी एक सेमेस्टर खत्म। और देरी हुई तो एक साल का नुकसान। अगले साल दो फर्स्ट ईयर बैचेज होंगे। हमारे यहां इससे निपटने का इंफ्रास्ट्रक्चर ही नहीं है।
- प्रो. सरित कुमार दास, डायरेक्टर

आईआईटी रुड़की; छात्र-अभिभावक चाहते हैं परीक्षा का इंतजार खत्म हो।
जेईई अब करा लेना चाहिए। बड़ी संख्या में छात्र व माता-पिता भी अब यही चाहते हैं परीक्षा का इंतजार खत्म हो।
- प्रो. अजीत के. चतुर्वेदी, डायरेक्टर

आईआईटी गांधीनगर; जो सालों से तैयारी में जुटे, उनकी तो सोची जाए।
हमें उन छात्रों के बारे में भी सोचना होगा जो सालों से तैयारी कर रहे हैं। इसलिए परीक्षा करा लेनी चाहिए। हमें लक्ष्यों की ओर बढ़ना होगा। 
-प्रो. सुधीर के जैन, डायरेक्टर

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