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मलसीसर थाने का रिश्वतखोर अपनी घरवाली को बनाना चाहता था गांव का सरपंच।

मलसीसर थाने में पकड़ा गया रिश्वतखोर हेड कांस्टेबल अपनी घरवाली को बनाना चाहता था गाँव का सरपंच। पर एसीबी ने उसको रिश्वत लेते रंगे हाथों कर लिया गिरफ्तार।

भ्रष्टाचार की जड़ें बड़ी गहरी हैं जो हमारे देश के आर्थिक ओर सामाजिक व्यवस्था को खोखला कर रही हैं। परंतु किसी के ईमानदारी की कमाई को आप बेईमानी से हड़प कर अपने सपनों का महल खडा करने चाहते है तो वो सरासर गलत हैं। सोचिए उस महल की बुनियाद कैसी होगी जो किसी की कमाई मार कर आपने खड़ी की हैं। ताजा मामला मलसीसर पुलिस थाने का हैं जहां से पकड़े गए हैड कांस्टेबल के बारे में पता करने पर पता चला कि वह पिछले चुनाव में अपनी पत्नी को अपनी काली कमाई के बूते पर सरपंच बनाना चाहता था। 




रिश्वत की राशि उसने सुबह करीब साढ़े 11 बजे थाने के अंदर ही ली। हैड कांस्टेबल चार माह से ही मलसीसर थाने में नियुक्त हुआ है। इससे पहले झुंझुनूं पुलिस लाइन में तैनात था। वह अपनी पत्नी को सरपंच बनवाना चाहता था।


मलसीसर. भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो सीकर की टीम ने राजस्थान के झुंझुनूं जिले के मलसीसर थाने में तैनात हैड कांस्टेबल महेन्द्र कुमार मीणा को मारपीट के क्रॉस मामले में एक पक्ष को फायदा पहुंचाने की एवज में 10 हजार रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया है। रिश्वत की राशि उसने सुबह करीब साढ़े 11 बजे थाने के अंदर ही ली। हैड कांस्टेबल चार माह से ही मलसीसर थाने में नियुक्त हुआ है। इससे पहले झुंझुनूं पुलिस लाइन में तैनात था। वह अपनी पत्नी को सरपंच बनवाना चाहता था।



भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो टीम सीकर के डीएसपी जाकिर अख्तर ने बताया कि करीब दो सप्ताह पहले मलसीसर निवासी दो पक्षों ने आपस में मारपीट के क्रॉस मामले दर्ज करवाए थे। जिसमें एक पक्ष को मदद करने के नाम पर हैड कांस्टेबल ने परिवादी गजेन्द्र सिंह चौहान से 30 हजार रुपए रिश्वत की मांगी। जिस पर परिवादी ने असमर्थता जताने पर 15 हजार रुपए में सहमती बनी। इस सम्बन्ध में परिवादी की शिकायत पर जांच की गई। जांच के दौरान शिकायत सही पाई गई। एसीबी टीम सीकर ने जाल बिछाया। सुबह करीब 11 बजे परिवादी ने थाना परिसर में रिश्वत की राशि हैड कांस्टेबल महेन्द्र कुमार मीणा को दी। इशारा पाकर एसीबी की टीम ने महेन्द्र सिंह मीणा को रिश्वत की राशि लेते रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया। परिवादी गजेन्द्र सिंह चौहान ने अपनी मोबाइल की दुकान से 2 हजार रुपए की ब्लूटूथ भी हैड कांस्टेबल को दी थी।

ये थे टीम में शामिल
पकडऩे वाली टीम में डीएसपी जाकिर अख्तर, पुलिस निरीक्षक सुरेश चौहान, हैड कांस्टेबल रोहिताश प्रसाद, कांस्टेबल राजेन्द्र, सुशीला, कैलाश चन्द्र, रामनिवास एवं चालक सुरेन्द्र कुमार शामिल थे।



पत्नी को बनवाना चाहता था सरपंच

आरोपी हैड कांस्टेबल महेन्द्र मीणा नवलगढ़ के पास कोलसिया गांव का रहने वाला है। महेन्द्र ने पिछले वर्ष कोलसिया से अपनी पत्नी अनिता को सरपंच पद का चुनाव लड़वाया था, लेकिन संयोग वंस वह जीत नहीं सकी थी।
महेन्द्र का एक भाई पुलिस में व दूसरा भाई सरकारी शिक्षक है। महेन्द्र वर्ष 1998 में पुलिस में भर्ती हुआ था। वह झुंझुनूं कोतवाली में भी रह चुका।

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