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रामलाल स्कूल अलसीसर की छात्रा सोहा खान ने राज्य मेरिट में प्रथम स्थान प्राप्त कर रचा इतिहास, सुनकर हर कोई हक्का बक्का।

 


पंख ही काफी नहीं आसमानों के लिए ,                    हौसला भी चाहिए उनकी उड़ानों के लिए ।।           
ऐसा ही कुछ कर दिखाया है अलसीसर के रामलाल शिक्षण संस्थान की छात्रा सोहा खान ने राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड 12वीं सीडब्ल्यूएसएन परीक्षा कला वर्ग 2022 का परिणाम शुक्रवार को जारी किया गया। रामलाल शिक्षण संस्थान अलसीसर की छात्रा सोहा खान पुत्री अहसान अली खान निवासी चैनपुरा ने 12वीं कला वर्ग में 500 में से 500 अंक प्राप्त कर अपने विषय मे 100% अंक हासिल कर राजस्थान की किसी भी बोर्ड परीक्षा में प्रथम बार अनूठा रिकॉर्ड बनाया है। इस रिकॉर्ड के साथ सोहा ने राज्य में मैरिट में भी अपना प्रथम स्थान बनाया है।


हौसला बुलंद हो तो मुट्ठी में आसमान है ,                 मुश्किल और मुसीबतें तो जिंदगी में आम है।

सोहा अल्पसंख्यक समाज के एक सामान्य परिवार से आती है। सोहा के पिता अरब देश में काम करते हैं ओर माता ग्रहणी है। सोहा की मां बजेगा खान ने बताया कि जब सोहा का जन्म हुआ था तो मेरे पहले से दो बेटियां और थी यह तीसरी हुई तो बहुत दुख हुआ। उसके बाद बात जब पता चला कि वह दिव्यांग है तो पूरे परिवार को बड़ा दुख हुआ। लेकिन आज उसी परिवार का सोहा ने सीना गर्व से चौड़ा कर दिया। सोहा ने यह साबित कर दिया कि बेटियां भी किसी से कम नहीं होती और परिस्थितियां कुछ भी हो अगर हौसले बुलंद हैं तो किसी भी शिखर को छू सकती हैं। आज परिवार के सभी सदस्यों को सोहा की कामयाबी पर गर्व हो रहा है । ओर जिस किसी ने भी सोहा के इस रिजल्ट को सुना वह सुनकर हक्का बक्का रह गया क्योंकि आजतक यह कारनामा कोई नही कर पाया।

सोहा की इस सफलता पर रामलाल शिक्षण संस्थान अलसीसर की ओर से सुरेश स्योराण ने सोहा के घर चैनपुरा पहुंचकर परिवार के सदस्यों को बधाई दी व मिठाई खिलाकर सब का मुंह मीठा किया। सुरेश स्योराण ने बताया कि सोहा पैर से दिव्यांग है पर हौसले से सोहा ने साबित कर दिया कि वह खुदा का एक दिव्य हीरा है। सोहा ने ऐसा रिकॉर्ड बनाया है जो कभी टूटेगा नहीं हां रिकॉर्ड की बराबरी जरूर हो सकती है। लेकिन सोहा ने प्रथम बार राजस्थान में यह रिकॉर्ड बनाकर स्टेट टॉपर होने का खिताब हासिल किया है। सोहा ने बातचीत के दौरान बताया कि उसने रोजाना 6 से 7 घंटे पढ़ाई कर कर यह कामयाबी हासिल की है। विद्यालय में भी मुझे शिक्षकों का पूरा सहयोग मिला है, संस्थान के संचालक मनफूल सिंह स्योराण ने मुझे समय-समय पर पूरा मार्गदर्शन दिया। आज माता पिता और गुरुजनों के सहयोग से इस सफलता को प्राप्त कर बड़ी खुसी हो रही हैं।



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