धर्म संसद का निर्णय :- 22 सितम्बर तक अगर मंदिर को नही मिली अपनी जमीन तो फिर जूना अखाड़ा करेगा आगामी निर्णय।
गुरुवार को जिले के सबसे प्रमुख विवाद रायमाता मंदिर गागियासर में हुए जमीनी कब्जे का हल निकालने के लिए मंदिर परिसर में धर्म संसद का आयोजन हुआ। जिसमें शेखावटी क्षेत्र के 20 से अधिक संतो व जनप्रतिनिधियों सहित क्षेत्र की जनता ने भाग लिया।
धर्म संसद का आयोजन जूना अखड़ा महामंडलेश्वर करुणागिरी महाराज के सानिध्य में किया गया। जिसमें शेखावटी क्षेत्र का समस्त संत समाज उपस्थित था। महामंडलेश्वर करुणागिरी महाराज ने धर्म संसद को संबोधित करते हुए बताया कि मंदिर प्रशासन शांति से मामले का निपटारा चाहता है। पहले मामले का हल क्षेत्रीय विधायक रीटा चौधरी ने अपनी मध्यस्थता से किया परन्तु किये गए फैसले का निर्णय अभी तक लागू नही हुआ ओर ना ही विधायक महोदया ने वापस आकर कभी मामले की सुध-बुध ली,जबकि उनको बार बार कमेटी द्वारा बुलाया गया और अवगत करवाया गया। मामले को प्रशासन द्वारा बेवजह लटकाया जा रहा हैं व जानबूझकर इसमें तारीख को बढ़ाया जा रहा हैं,जबकि प्रशासनिक अधिकारियों के अधीनस्थ कर्मचारियों ने मामले की सम्पूर्ण रिपोर्ट जिला प्रशासन व उपखंड प्रशासन को सौंप दी है, जिसमे साफ साफ किए गए कब्जे को नाजायज बताया गया हैं। परंतु अधिकारी उस फैसले को लागू करने की कार्यवाही नही कर रहे हैं अपितु मामले को लंबा खींच रहे है ओर बेवजह मंदिर महंत ओर कमेटी को अनके धाराओं में पाबन्द कर रहें है । धीरज की भी एक सीमा होती हैं कहीं यह समय ना आ जाये कि प्रत्येक के बंधे हाथ खुल जाए।
प्रशासन को अभी भी 22 सितम्बर तक का समय दिया जा रहा हैं जो भी उचित निर्णय हैं उसको लागू करवाया जाए। अगर ऐसा नही होता हैं तो आगमी निर्णय जूना अखाड़े व संत समाज का होगा ओर वही हर कीमत पर लागू होगा।मंदिर प्रशासन ने अब तक हाथ जोड़ रखे थे परन्तु अब ओर बर्दाश्त नहीं होगा। जमीन का एक इंच टुकड़ा भी किसी को नही दिया जाएगा किसी भी कीमत पर। उसके लिए जो भी करना पड़े वो क्षेत्र के लोग ओर संत समाज मिल कर करेगा।
वहीँ कार्यक्रम को संबोधित करते हुए बिसाऊ गणेशनाथ आश्रम के महंत रविनाथ महाराज ने जिला कलेक्टर पर पक्षपात का आरोप लगाया और कहा कि जिला कलेक्टर जानबूझकर मामले को धार्मिक रंग दे रहे है ओर क्षेत्र का सौहार्द बिगाड़ने पर तुले हुए हैं। जो निर्णय केवल 10 दिन का हैं उनको 3 महीनों से लटका रहे है। हम हमारी जमीन मांग रहे है किसी ओर की तो मांग नही रहे फिर भी उसको देने में एतराज हैं। परन्तु जमीन मंदिर की थी और मंदिर को ही वापस मिलेगी उसके लिए क्षेत्र के लोग,जनप्रतिनिधि व संत समाज प्रतिबद्ध हैं।
कार्यक्रम में बुधगिरि मठी फतेहपुर के महंत दिनेश गिर महाराज, टाईं आश्रम से सोमनाथ महाराज, मुकुंदगढ़ मंडी से चेतन नाथ महाराज, रिजानी से ओम नाथ महाराज, बहल आश्रम से विकासगिरी महाराज, मंदिर महंत दशमीगिरी महाराज के अलावा भी बहल से और आसपास के अनेक आश्रमों के साधु संत धर्म संसद में पहुंचे ।
धर्म संसद को पूर्व सांसद संतोष अहलावत, पूर्व प्रधान गिरधारी लाल खीचड़, पूर्व प्रधान सुशीला सिगड़ा, भाजपा नेता अतुल खीचड़,इंजीनियर प्यारेलाल ढूकिया, डॉ राजेश बाबल, करनीसेना जिलाध्यक्ष मनोहर सिंह घोडीवारा, शिवसेना जिलाध्यक्ष जयराम जांगिड़ आदि ने संबोधित किया।
मंदिर कमेटी के प्रवक्ता कृष्ण कुमार जानु ने बताया कि कार्यक्रम में बालासर के मनोहर भारद्वाज, कृष्ण पारीक, पूर्व वाइस चेयरमैन दीनदयाल, मंडावा से सजन लाल शर्मा ,जितेंद्र सुरोलिया ,शिशुपाल यादव ,मोहन लाल सैनी ,संजय मेघवाल, बीरमी ग्रामीण क्षेत्र से देशराज, लोकेश, कोलिंडा से जगदीश जांगिड़, टाइ से जगमहेंद्र धायल, कोदेसर से सुरेश भांभू, झुंझुनू से महेश बसावैतीया ,पवन पुजारी, विपिन महमियां,चूरू से कमल सोनी,राजेश लाटा सहित आसपास के क्षेत्र से महिलाएं, युवा व प्रबुद्धजन बड़ी संख्या में पहुंचे। कार्यक्रम का संचालन मूलचंद झाझरिया ने किया।
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