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टमकोर में आचार्य महाश्रमण का 62 वाँ जन्मदिवस व 14 वाँ पाटोत्सव मनाया गया।

आचार्य महाप्रज्ञ जन्मस्थली टमकोर में शनिवार को साध्वी सूरजप्रभा, साध्वी डॉ लावण्ययशा,साध्वी सोमश्री व साध्वी नैतिकप्रभा के सानिध्य में तेरापंथ धर्मसंघ के वर्तमान गुरु व युवामनीषी आचार्य महाश्रमण का 62 वाँ जन्मोत्सव व 14 वाँ पदाभिषेक दिवस मनाया गया। साध्वी सूरजप्रभा ने अपना मंगल उद्बोधन प्रदान करते हुए बताया कि धर्मसंघ में नवसंचार प्रवाहित करते हुए आचार्य महाश्रमण ने तेरापंथ को जन-जन तक पहुँचाया। अपनी 51000 किलोमीटर की अहिंसा यात्रा से देश व विदेश को अनुग्रहित किया है। उनकी समाजकल्याण की यह यात्रा अनवरत चलती रहे।
साध्वी डॉ लावण्य यशा ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए बताया कि आचार्य महाश्रमण संघ के महातपस्वी गुरु है। उन्होंने गुरु की महिमा को अपरम्पार बताते हुए उनको गुरु के रूप में पाना धर्मसंघ का सौभाग्य बताया।आज गुरु की इस भूमि पर गुरु का जन्मदिवस मनाना बहुत बड़ी बात है,गुरु चिरायु हो,स्वस्थ रहें व अपनी मंगल दृष्टि से इस धरा को अनुग्रहित करते रहें। साध्वी सोमश्री ने भी कार्यक्रम में अपने विचार व्यक्त करते हुए गुरु के जन्मदिवस पर मंगलभावना व्यक्त की। साध्वी नैतिकप्रभा ने गीतिका के माध्यम से कार्यक्रम में अपने विचार व्यक्त किए। कार्यक्रम को महाप्रज्ञ इंटरनेशनल स्कूल के प्रिंसिपल लोकेश तिवाड़ी व विमल चोरडिया ने संबोधित किया।
कार्यक्रम में महाप्रज्ञ इंटरनेशनल स्कूल के बच्चों ने सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया। कार्यक्रम में अपनी सेवाओं के लिए विमल चोरडिया, प्रिंसीपल लोकेश तिवाड़ी व कन्हैया मोहन को सम्मानित किया।
इस कार्यक्रम में पूनमचन्द चोरडिया,पवन बाठीया,रतनलाल वर्मा,मनोज सिंगला, राकेश दायमा,राजेंद्र श्यामसुखा,दुलीचंद जैन, रामलाल गोलछा, हनुमान जैन,पवन मुशर्रफ सादुलपुर तेरापंथ समाज सहित महिला मंडल की बहनों सहित श्रावक समाज उपस्थित रहा। कार्यक्रम का संचालन अध्यापक कन्हैया मोहन ने किया।

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